S. N. LAW COLLEGE
Affiliated with Pro Rajendra Singh(Rajju Bhaiya) University, PRAYAGRAJ
Address : Bhandra Umarganj Chaka, Naini, Prayagraj, UP
Affiliation code
01002
व्यक्ति के विकास का मूल आधार शिक्षा है और ज्ञान जीवात्मा का स्वाभाविक गुण है। ज्ञानार्जन का मुख्य आधार शिक्षा है। स्वतंत्रता के बाद शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। शिक्षा के उद्देश्य, लक्ष्य एवं मूल्यों में परिवर्तन होता रहता है। सामाजिक सरोकारों के सापेक्ष शिक्षा राष्ट्रीय आवश्यकता के अनुरूप बनाई जानी चाहिए। विकास क्रम में शिक्षा व्यवस्था को नई तकनीकी खोजों के साथ कदम से कदम मिलाकर ही चलना श्रेयस्कर होता है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में हमारा भी निश्चय है कि हम अपने विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के तकनीकी संकाय उपलब्ध कराएं। अपने प्रदेश के जनपदों में ग्राम्यांचल स्थित महाविद्यालय में अध्ययनरत नौनिहालों को वैश्विक स्तर के संसाधन उपलब्ध कराना निश्चित रूप से एक चुनौती है। हमारे प्रदेश की लोकप्रिय सरकार की प्रेरणा से इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में पूरे प्रदेश के विद्यालयों को इंटरनेट के माध्यम से राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से जोड़कर निरीक्षण, पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण का कार्य किया गया। जनपद प्रयागराज का भौगोलिक क्षेत्र तो विशाल है ही यहां माध्यमिक विद्यालयों की संख्या भी अधिक है। इस जनपद में अध्ययनरत छात्र संख्या भी प्रदेश के विभिन्न जनपदों की तुलना में सर्वाधिक है। इस विशाल जनपद के छात्रों के लिए गुणवत्ता परक शिक्षा के सभी संसाधन/ माध्यम उपलब्ध हो इस दिशा में इंटरनेट द्वारा ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने का यह एक प्रयास है। जिसे हम इस जनपद के छात्र-छात्राओं को समर्पित कर रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था आपके हाथों में देते हुए मुझे सुखद अनुभूति हो रही है। यह व्यवस्था छात्रों के क्षमता संवर्धन में सहायक सिद्ध होगी।
इन्हीं शुभकामनाओं के साथ!
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Dear Student
जमीन से जुड़े होने के कारण ग्रामीणों में सृजन की ऊर्जा होती है - अतः जाती, धर्म , एवं समाज के बन्धनों में जकड़े हुए ग्रामीण अंचल के नागरिकों विशेषकर हरिजन, गिरिजन, एवं सर्वहारा वर्ग के निर्धन छात्रों में नवचेतना का संचार करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत के मूलरूप से परिचित करने के लिया उच्च शिक्षा प्रदान करने की दिशा में, इसी क्षेत्र के ही शिक्षाविद् समाजसेवी, प्रातः स्मरणीय, वादों के यायावरी वृत्ति की आपाधापी से परे, श्रद्धेय (स्व०) बाबु लक्ष्मी नारायण अग्रवाल जैसे कर्मयोगी द्वारा किया गया एक उपयोगी प्रयत्न है |श्री नाथ एजूकेशनल सोसाइटी, सिरसा- इलाहाबाद
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